Unseen Passage for Class 4 Hindi अपठित गद्यांश
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अपठित गद्यांश
अपठित का शाब्दिक अर्थ है – जो पढ़ा नहीं गया – जो पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ नहीं है और जो अचानक ही पढ़ने के लिए दिया गया हो। इसमें गद्यांश से जुड़े विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देने को कहा जाता है। इस प्रकार इस विषय में यह अपेक्षा की जाती है कि पाठक द्वारा दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर उसी अनुच्छेद के आधार पर संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करें। प्रश्नों के उत्तर पाठक को अपनी भाषा शैली में देने होते है।
अपठित गद्यांश के द्वारा पाठक की व्यक्तिगत योग्यता और अभिव्यक्ति की क्षमता का आकलन किया जाता है। अपठित का कोई क्षेत्र विशेष नहीं होता। विज्ञान कला साहित्य नागरिक शास्त्र या किसी भी विषय के उत्तर देने से मानसिक स्तर बढ़ता है और अभिव्यक्ति क्षमता को बढ़ाता है।
अपठित गद्यांश को हल करने की विधि और विशेषताएं
1. अपठित गद्यांश को बहुत ध्यान पूर्वक मन ही मन में दो बार पढ़ना चाहिए।
2. गद्यांश को पढ़ते समय विशेष स्थानों को रेखांकित करना चाहिए।
3. अपठित गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा सरल व्यवहारिक और सहज होनी चाहिए।
4. अपठित गद्यांश से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर देते समय कम से कम शब्दों में अपने उत्तर को स्पष्ट करना चाहिए।
5. शीर्षक लिखते समय संक्षिप्तता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
Apathit Gadyansh for Class 4 pdf with answers
01 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
एक बार एक किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया | वह जोर जोर से चिल्लाने लगा | किसान उसे बहार निकलने का उपाए सोचने लगा | अंत में उसने निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इस लिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए | किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया| सभी मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालने लगे | जैसे ही बैल को सब समझ में आया, वह और जोर जोर से चिल्लाने लगा और फिर अचानक शांत हो गया |
सब लोग चुपचाप गड्ढे में मिट्टी डालते जा रहे थे | तभी किसान ने नीचे झांककर देखा तो वह चकित रहे गया | अपनी पीठ पर पड़ने वाली मिट्टी को वह बूढ़ा हिला हिलाकर नीचे गिरा देता था और उस मिट्टी पर चढ़ जाता था | जल्दी ही वह गड्ढे के किनारे तक पहुंच गया और फिर अपनी हिम्मत और सूझ बुझ के बल पर बहार आने में सफल हो गया |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) किसान का बैल कहा गिर गया|
उत्तर– किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया|
(ख) बैल का चिल्लाना सुन कर किसान से क्या निर्णय लिया?
उत्तर– बैल का चिल्लाना सुनकर किसान से यह निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इसलिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए|
(ग) किसान के पड़ोसियों ने उसकी मदद किस प्रकार की?
उत्तर– किसान के पड़ोसियों ने मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालकर उसकी मदद की|
(घ) किसान चकित क्यों रह गया?
उत्तर– किसान चकित इसलिए रह गया, क्योकि उसने देखा की बैल अपनी सूझ बुझ और हिम्मत से गड्ढे से बहार निकलने में सफल हो गया था|
(ड़) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|
उत्तर– सफलता
Comprehension Passages Hindi for Class 4
02 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
पेंसिल की कहानी बहुत पुरानी नहीं है| करीब छ: सौ वर्ष पहले जर्मनी में ग्रैफाइट की चट्टानें मिली | इनका कोई टुकड़ा लेकर कागज या पत्थर पर लिखा जाता, तो निशान या लकीरे बन जाती | इसके कोई डेढ़ सौ साल बाद इंग्लैंड में शुद्ध ग्रैफाइट की चट्टान मिली | पहले गड़रियो को इनका पता चला | वे ग्रैफाइट की चट्टान का टुकड़ा लेकर अपनी भेड़ो पर निशान लगा देते | इससे उन भेड़ो की अलग से पहचान हो जाती थी |
फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ ने सबसे पहले पेंसिल बनाने में कामयाबी हांसिल की | अब तो इतनी सुन्दर पेंसिल बनती है कि बच्चे उन्हें पाने के लिए मचल उठते है | अब पेंसिल पर सुन्दर सुन्दर बच्चो के हसते खेलते चित्र होते है | कुछ पर पक्षीयो और जानवरो के भी चित्र होते है | वे इतनी रंग बिरंगी होती है कि उन्हें हाथ में लिए बगैर चैन ही नहीं पड़ता |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) करीब छः सौ वर्ष पहले जर्मनी में किसकी चट्टानें मिली?
उत्तर– जर्मनी में छ: सौ वर्ष पहले ग्रीफाइड की चट्टानें मिली थी|
(ख) ग्रैफाइट के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से क्या बन जाता है?
उत्तर– ग्रीफाइड के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से लकीरें बन जाती थी|
(ग) ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टानें सबसे पहले कहाँ मिली?
उत्तर– ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टान सबसे पहले इंग्लैंड में मिली|
(घ) गडरिये ग्रैफाइट से क्या करते थे?
उत्तर– गडरिये ग्रैफाइट के टुकड़े से भेड़ो पर निशान लगते थे|
(ड़) सबसे पहले पेंसिल बनाने में किसने कामयाबी हासिल की?
उत्तर– सबसे पहले फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ पेंसिल बनाने में सफल हुए |
Solved Apathit Gadyanshs for Class 4
03 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
एक गधा जंगल में घास चर रहा था | जंगल के किनारे पर ही उसके मालिक हरिया का घर था | वह रोज जंगल में आकर घास खाकर उसे बड़ा ही मजा आता था | उसे वहाँ कभी भी कोई खतरा महसूस नहीं हुआ | मगर एक दिन अचानक ही उसे पास की झाड़ियों में सरसराहट सुनाई दी | उसने सर उठाकर देखा तो उसके प्राण सुख गए | झाड़ियों से निकलकर एक बाघ उसके सामने आ खड़ा हुआ था | गधे ने सोचा कि आज तो मारे गए | मगर आदमियों की संगत में रहकर वह भी बहुत चालाक हो गया था | उसने डरना छोड़ और लंगड़ा लगडकर चलने लगा |
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) गधा जंगल में क्या कर रहा था ?
उत्तर– गधा जंगल में घास खा रहा था |
(ख) जंगल के किनारे किसका घर था ?
उत्तर– जंगल के किनारे हरिया का घर था |
(ग) अचानक ही एक दिन गधे के सामने कौन आकर खड़ा हो गया ?
उत्तर– अचानक ही उसके सामने एक बाघ आकर खड़ा हो गया |
(घ) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदल कर लिखिए-
1.मालिक – मालकिन
2.बाघ-बाघिन
(ड़) गद्यांश में से दो विशेषण शब्द छांटकर लिखिए |
उत्तर– 1. हरी-हरी
2.चालाक
Case based Apathit Gadyansh for Class 4
04 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
मनुष्य का अपने कर्म पर अधिकार है। वह कर्म के अनुसार फल प्राप्त करता है। अच्छे कर्म करने से फल भी अच्छा मिलता है। बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है। कर्म करना बीज बोने के समान है। जैसा बीज होता है वैसे ही पेड़ और वैसे ही फल होते हैं। एक कहावत है – ‘बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाय?’ इसलिए बड़े-से-बड़े अपराधी अंततः बुरी मौत मरते हैं। जो बेईमानी से धन कमाते हैं, उनके बच्चे बेईमान और दुश्चरित्र बनते जाते हैं। उनकी बुराई का परिणाम उन्हें मील ही जाता है। हमारा व्यक्त्तित्व हमारे कर्मों का ही प्रतिबिंब है। अगर हम आजीवन कुछ पाने के लिए भागदौड़ करते हैं तो इससे हमारा जीवन ही अशांत होता है। एक छात्र परिश्रम की राह पर चलता है तो उसे सफलता तथा संतुष्टि का फल प्राप्त होता है। दूसरा छात्र नकल और प्रवंचना का जीवन जीता है। उसे जीवन भर चोरों, ठगों और धोखेबाजों के बीच रहना पड़ता है। दुष्ट लोगों के बीच जीना भी तो एक दंड है, अशांति है। अतः मनुष्य को पुण्य कर्म करने चाहिए। इसी से मन से सच्चा सुख जागता है, सच्ची शांति मिलती है।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) मनुष्य का किस पर अधिकार है?
1 .कर्म पर
2. फल पर
3. परिणाम पर
4. इनमें से किसी पर नहीं
(ख) कर्म को किसके समान माना गया है?
1. फल के समान
2. फूल के समान
3. पेड़ के समान
4. बीज बोने के समान
(ग) बेईमानी से धन कमाने वालों के साथ क्या होता है?
1. बुरी मौत मरते हैं
2. बच्चे बेईमान और दुश्चरित्र बनते हैं
3. बुरे काम का बुरा परिणाम होता है
4. इनमें से कोई नहीं
(घ) परिश्रम की राह पर चलने वाला छात्र क्या करता है?
1. सफलता व संतुष्टि
2. परिणाम
3. खुशी का जीवन बिताता है
4. अशांत जीवन बिताता है
(ड़) नकल व प्रवचना का जीवन जीने वाले छात्र को क्या सहना पड़ता है?
1. अशांति भरा जीवन
2. चोरों और ठगों के बीच रहना पड़ता है
3. कष्टों भरा जीवन जीना पड़ता है
4. उपरोक्त सभी
(च) हमारे कर्मों का प्रतिबिंब क्या है?
1. कर्म
2. चरित्र
3. जीवन
4. हमारा व्यक्तित्व
Class 4 Solved Apathit Gadyansh
05 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
दो असमानों में कभी तुलना नहीं हो सकती। जैसे मित्रता समान स्तर के लोगों में होती है, उसी प्रकार तुलना, समानता और स्पर्द्धा भी समान लोगों में होनी चाहिए। जब हम भारत बांग्लादेश या नेपाल जैसे देश की तुलना अमेरिका के जीवन-स्तर से करते हैं तो वास्तव में उसके साथ अन्याय करते हैं। जैसे पहलवानी में समान वजन के पहलवानों की कुश्ती होती है। क्रिकेट में जूनियर, सीनियर, महिला, पुरुष क्रिकेट के अलग-अलग मुकाबले होते हैं, उसी प्रकार जीवन के हर क्षेत्र में समानों की तुलना होनी चाहिए। बड़े लोगों का स्वार्थ यह हो सकता है कि वे स्वयं को विश्व का सर्वोच्च व्यक्ति सिद्ध करने के लिए सारे संसार को ललकारें तथा विश्व-समानता का नारा देकर छोटों को प्रतियोगिता में घसीटें, हराएँ तथा विजय-सुख लूटें। किंतु ऐसे मुकाबले अन्यायपूर्ण हैं, अभिप्रायपूर्ण हैं, छलपूर्ण हैं। समान स्तर के लोगों में समानता होनी चाहिए, न कि विषमों में।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) कौन-सी बातें समान लोगों में होनी चाहिए?
1. तुलना
2. समानता
3. स्पर्द्धा
4. उपरोक्त सभी
(ख) लेखक अमेरिका की तुलना किन देशों के जीवन स्तर से करने की बात को अन्यायपूर्ण कहता है?
1. भारत, जापान
2. भारत, बांग्लादेश या नेपाल
3. नेपाल, भारत
4. भारत, बांग्लादेश
(ग) क्रिकेट में किन के अलग – अलग मुकाबले होते हैं?
1. जूनियर, सीनियर
2. महिला, पुरुष
3. (1) और (2) दोनों
4. इनमें से कोई नहीं
(घ) बड़े लोगों का क्या स्वार्थ होता है?
1. अपने को शक्तिशाली सिद्ध करना
2. सारे संसार को ललकारें
3. छोटों को प्रतियोगिता में घसीटें
4. (1) और (3) दोनों
(ड़) असमान लोगों में किया गया मुकाबला कैसा होता है?
1. अन्यायपूर्ण
2. अभिप्रायपूर्ण
3. छलपूर्ण
4. उपरोक्त सभी
(च) जीवन के हर क्षेत्र में किनकी तुलना होनी चाहिए?
1. समान
2. असमान
3. विषम
4. उच्च स्तर
Apathit Gadyansh for Class 4
06 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
परोपकार का शाब्दिक अर्थ है – दूसरों का भला। दूसरों की भलाई के बारे में सोचना तथा उसके लिए कार्य करना महान गुण है। यदि सभी अपने गुणों को अपनी मुट्ठियों में कैद कर लें तो यह सृष्टि-चक्र पल-भर के लिए भी न चले। वृक्ष अपने लिए नहीं, औरों के लिए फल धारण करते हैं। नदियाँ भी अपना जल स्वयं नहीं पीतीं। परोपकारी मनुष्य संपत्ति का संचय भी औरों के कल्याण के लिए करते हैं। मानव-जीवन भी एक-दूसरे के सहयोग पर निर्भर है। परोपकार का सुख लौकिक नहीं, अलौकिक है। जब कोई व्यक्ति निःस्वार्थ भाव से किसी घायल की सेवा करता है तो उस क्षण वह मनुष्य नहीं है। अपने प्रियजनों के लिए कुछ करना अलग बात है। परंतु अपने-पराए सबके लिए कर्म करना सच्चा परोपकार है। भारत में परोपकारी महापुरुषों की कमी नहीं है। यहाँ दधीचि जैसे ऋषि हुए जिन्होंने अपनी जाती के लिए अपने शरीर की हड्डियाँ दान में दे दीं। बुद्ध, महावीर, अशोक, गाँधी, अरविंद जैसे महापुरुषों के जीवन परोपकार के कारण ही महान बन सके हैं। परोपकारी व्यक्ति सदा प्रसन्न, निर्मल और हँसमुख रहता है। वह पूजा के योग्य हो जाता है।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) परोपकार का क्या अर्थ है?
1. पर + उपकार
2. दूसरों का भला
3. दूसरों की सहायता
4. दूसरों के बारे में सोचना
(ख) परोपकार करने वाले प्राकृतिक उपादान कौन-से बताए गए हैं?
1. वृक्ष
2. नदियाँ
3. परोपकारी मनुष्य
4. उपरोक्त सभी
(ग) सच्चा परोपकार क्या है?
1. अपने-पराए के लिए कर्म करना
2. स्वार्थी बनना
3. स्वार्थ चिन्तन करके कर्म करना
4. सहयोग
(घ) परोपकार करके महान बनने वाले महापुरुषों के नाम हैं?
1. महात्मा बुद्ध
2. महावीर
3. अशोक, गाँधी
4. उपरोक्त सभी
(ड़) परोपकारी व्यक्ति कैसे रहता है?
1. प्रसन्न
2. निर्मल
3. हँसमुख
4. उपरोक्त सभी
(च) परोपकारी मनुष्य का जीवन किस प्रकार का होता है?
1. संपत्ति का संचय दूसरों के लिए
2. जीवन दूसरों के लिए
3. निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा
4. उपरोक्त सभी
Discursive Passage Hindi for Class 4
07 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
एक बहुत गरीब मछुआरा था। उन्होंने बहुत मेहनत की, लेकिन उनके पास अपनी पत्नी और बच्चों के लिए भोजन और कपड़े के लिए बहुत कम पैसे थे। वह एक अच्छा इंसान था, जिसने अपने ग्राहकों को कभी धोखा नहीं दिया। एक दिन वह दोपहर को समुद्र के किनारे गया, उसने अपना जाल डाला और तब तक इंतजार किया जब तक उसके नीचे कुछ नहीं आ गया। फिर उसने एक साथ डोरियों को इकट्ठा किया लेकिन ज्यादा वजनदार पाया।
उसने इसे भूमि पर खींचने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह इसे खींच नहीं सका। फिर वह पानी में चला गया और उसे ऊपर लाया। उसने जाली खोली और उसमें तांबे का एक जार मिला जिसका मुंह पिछले सिरे वाली टोपी से बनाया गया था। उसने इसे खोला और जार में सोने के सिक्के पाए। वह अमीर हो गया लेकिन स्वार्थी नहीं। उसने अपने गाँव में एक मंदिर बनवाया और सोने के सभी सिक्के मंदिर के कोष में दे दिए।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
(क) प्रत्येक कथन के लिए सही या गलत लिखें:
1. मछुआरा एक बहुत बड़े घर में रहता था।
2. वह एक बेईमान आदमी नहीं था।
3. एक दिन उन्हें सोने के सिक्कों से भरा एक जार मिला।
4. एक दिन दोपहर को उसने एक बड़ी मछली पकड़ी।
(ख) दिए गए विकल्पों में से सबसे अच्छा उत्तर चुनें और वाक्यों को पूरा करें:
* मछुआरे ने बाजार में मछली बेची। वह ……………… था।
1. एक ईमानदार आदमी
2. एक ईमानदार आदमी नहीं
3. एक चतुर आदमी
* उसने जाल को खींचने की बहुत कोशिस की लेकिन ………………… के कारण खींच न सका।
1. बोझ
2. प्रकाश
3. वजन के साथ टूट गया
* जार का मुंह सील कर दिया गया था। सील के लिए प्रयुक्त धातु ……………… थी।
1. आयरन
2. ताम्बा
3. लेड
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. मछुआरे की पत्नी और बच्चे कैसे रहते थे?
2. वह समुद्र के किनारे क्यों गया?
3. वह अपना जाल क्यों नहीं खींच सका?
4. मछुआरों ने समुद्र के किनारे क्या किया?
Apathit Gadyansh for Class 4 with answers pdf
08 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
एक बार की बात है, एक अमीर युवा राजा था, जो हमेशा बीमार होने से डरता था। उन्होंने हमेशा अपने महल के दरवाजे और खिड़कियां कसकर बंद रखीं और कभी बाहर नहीं गए। फिर भी उसे सर्दी पकड़ता रहा और बुखार होता रहा। एक दिन उन्होंने अपने मंत्री से कहा, “मुझे आश्चर्य है कि मैं इतना कमजोर क्यों हूं? क्या आप मुझे यह समझा सकते हैं?” मंत्री ने उत्तर दिया, “बहुत सावधानी बरतने से बेहतर है कि कोई सावधानी न बरती जाए।
” एक दिन मंत्री ने राजा को टहलने के लिए मजबूर किया और उसे एक चरवाहे के पास ले गया जो पहाड़ी पर बैठा था और अपनी भेड़ों को देख रहा था। चरवाहा बहुत गरीब था, उसके पास बहुत कम कपड़े और जूते नहीं थे।
राजा ने चरवाहे से पूछा, “क्या आपको कभी सर्दी या बुखार नहीं होती है?” चरवाहे ने जवाब दिया – मुझे कभी सर्दी या बुखार नहीं होती है। मैं बचपन से ही खुली हवा में रहता हूं और रात भर बाहर रहता हूं “।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये :-
1. राजा ने सभी दरवाजे और खिड़कियां क्यों बंद कर दीं?
2. वह इतनी बार बीमार क्यों पड़ा?
3. हमें कैसे पता चला कि चरवाहा गरीब था?
4. चरवाहे को क्या स्वस्थ रखा गया?
5. उपरोक्त कहानी में कौन-
* कोई ध्यान नहीं रखा?
* बहुत सावधान था?
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Answer: A Seen passage is a passage that you have already read and know what is in it. While in the unseen passage, you are not familiar with the passage and don’t know what is in it.