Unseen Poems for Class 8 Hindi अपठित काव्यांश
Unseen poem class 8 is the most important part to score higher marks in your exam. .Reading the unseen poem class 8 in Hindi will help you to write better answers in your exam and improve your reading skill.
Students who are planning to score higher marks in the 8th standard Hindi poem should practice the Hindi poem class 8 before attending the CBSE board exam.
It is compulsory to solve the unseen poem class 8 because you need to score higher marks in your exam.
To improve your skills, we have provided you with the unseen poem class 8 with answers.
While Solving the poem, you will see some unseen poem class 8 with MCQs also present in them.
It is provided to make yourself an expert by solving them and score good marks in your exam. You can also practice unseen poem class 8 in English.
Important Tips to score good marks in the Unseen Poem class 8
1-Read the complete poem carefully.Your reading should be quick.
2- Focus your mind on related details and highlight them.
3-Read the question carefully and return to the poem to write the answer.
4- Logical sequence should be present while writing the answer.
5- Do not try to copy the sentence from the poem. Write your answer in your own words.
6-While answering vocabulary-based questions like synonyms Replace that word with another word that has the same meaning as that word asked in the question.
7-To Choose the correct option in MCQs.Read the poem until you don’t get the correct answer.
अपठित काव्यांश
अपठित काव्यांश भी गद्यांश की भाँति बिना पढ़ा अंश होता है। यह पाठ्यक्रम के बाहर से लिया जाता है। इसके द्वारा छात्रों की काव्य संबंधी समझ का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु, अलंकार, भाषिक योग्यता संबंधी समझ की परख की जाती है।
अपठित काव्यांश हल करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
* दिए गए काव्यांश को कम से कम दो-तीन बार अवश्य पढ़ें।
* पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों को रेखांकित कर लें।
* प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखें।
* उत्तर काव्यांश से ही होना चाहिए।
Unseen Poem class 8 with answers
01 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
केवल कोरे कागज रंगना
कविता कैसे हो सकती है?
जहां कहीं खूंखार अंधेरा
सूरज वहां उगाना है
कौर छिन रहा जिनके मुंह से
उनको कौर दिलाना है
शंखनाद को सुन-सुन करके
जनता कैसे सो सकती है?
पल-पल बदल रही दुनिया की
धड़कन सुनना बहुत जरूरी
उग्रवाद बाजारवाद की
चालें गुनना बहुत जरूरी
बम-बारूद बिछी घर-आंगन
सुविधा कैसे हो सकती है?
कल-कल, कल-कल, गाते-गाते
पग-पग पल-पल, आगे बढ़ना
दूर-दूर पुलिनो का रहकर
योग साधना में रत रहना
युग-युग ने सौंपी सौगातें
सरिता कैसे खो सकती है|
छीज रही शब्दों की वीणा
फटे बांस की मुरली जैसी
जड़ जमीन से उखड़ी भाषा
पकी-अधपकी खिचड़ी जैसी
भानुमती का कुनबा हो तो
गीत गजल क्या हो सकती है?
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) ‘केवल कोरे कागज रंगना कविता कैसे हो सकती है?’ पंक्ति से कवि का क्या आशय है तथा कवि का क्या कर्तव्य है? पहले पद के आधार पर स्पष्ट कीजिए|
उत्तर– जो कवी समाज में परिवर्तन लाने वाली कविताएं एवं गीत नहीं लिखता तो ऐसे कवियों का कविता कार्य मात्र कागज काले करने से अधिक कुछ नहीं है| कवि का कर्तव्य है कि जहां भी निराशा, अन्याय, अत्याचार का अंधेरा है उसे अपनी लेखनी रूपी सूर्य से हटाए| जो लोग दूसरों का शोषण कर रहे हैं, दूसरों का हक छीन रहे हैं उन्हें उनका हक दिलाए| उसका कार्य है कि वह अपनी कविता के शंखनाद से जनता को जागृत करें|
(ख) किन स्थितियों के कारण गीत गजल नहीं हो सकते? अंतिम पद के आधार पर उत्तर दीजिए|
उत्तर– आज के कवि ऐसी निरर्थक कविता का सृजन कर रहे हैं जिसके शब्द छीज चुके हैं| कवी के सुर फटे बांस की मुरली से निकलने वाले सुरों जैसे हो गए हैं| कवियों की भाषा शक्तिहीन हो चुकी है क्योंकि वह जड़-जमीन से कटी हुई है| उसकी भाषा अधपकी की खिचड़ी जैसी प्रभावहीन है| कवी यहां- वहाँ से चीजें उठाकर जो काव्य रचना कर रहे हैं वह भानुमति के कुनबे के समान है|
(ग) कवी का कर्तव्य क्या है?
उत्तर– कवी का कर्तव्य है अत्याचारों एवं शासकों से आम दुखी जन का हक वापस दिलाना|
(घ) कविता की कौन-सी पंक्ति बढ़ते हुए आतंकवाद की ओर संकेत कर रही है|
उत्तर– ‘बम बारूद विधि घर आंगन सुविधा कैसे हो सकती है|’
(ड) प्रस्तुत कविता का उपयुक्त शीर्षक लिखिए|
उत्तर– कवि का कर्तव्य
02 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
छाया मत दूना
मन, होगा दुख दूना।
जीवन में हैं, सुरंग सुधियाँ सुहावनी
छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी,
तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी ।
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण-
छाया मत छूना
मन, होगा दुख दूना।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) “छाया मत छूना’- कवि ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर– कवि गिरिजा कुमार माथुर के अनुसार ‘छाया’ से तात्पर्य भूतकाल के सुखी समय से है। कवि उसे छूने से इसलिए मना करता है क्योंकि वर्तमान समय में बीते सुखों को याद करने से कोई लाभ नहीं होता है। बीता अच्छा समय वर्तमान के दुखों को को दूर करने में असमर्थ होता है। अतः हमें अपने वर्तमान को सुखी बनाने के लिए बीते अच्छे दिनों को याद नहीं करना चाहिए। विगत लौटकर वापस नहीं आता और न ही वह वर्तमान परिस्थितियाँ बदल सकता है।
(ख) “छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर– कवि गिरिजा कुमार माथुर द्वारा रचित कविता ‘छाया मत छूना’ की इस पंक्ति का तात्पर्य है कि जीवन में बीते समय की सुगंध फैली रहती है। विगत में प्रिय मिलन की यादें मन को लुभाती हैं और उसकी देह की गंध ही वर्तमान में शेष रह जाती है।
(ग) “कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी’ में कवि को कौन-सी यादें कचोटती हैं?
उत्तर- “कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी’ में कवि को अपनी प्रेयसी के बालों में लगे सुमन-गुच्छ याद आते हैं, यही यादें चाँदनी बनकर उसके मन को उलझा कर रखती हैं।
03 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।
काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं।
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।।
हो गए एक आन में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले-फले।।
आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही।
सोचते-कहते हैं जो कुछ, कर दिखाते हैं वही।।
मानते जी की हैं, सुनते हैं सदा सबकी कही।
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही।।
भूलकर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं।
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं।।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कवि ने इस पद्यांश में किनकी प्रशंसा की है?
उत्तर– इस पद्यांश में कवि ने कर्मवीरों की प्रशंसा की है।
(ख) भाग्य के भरोसे रहने वालों को पछताना क्यों पड़ता है?
उत्तर– भाग्य के भरोसे रहने वाले को पछताना पड़ता है क्योंकि वह कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता।
(ग) कैसे लोग सब जगह और सभी कालों में फलते-फूलते हैं?
उत्तर– जो लोग अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु केवल कर्म करते हैं। कभी किसी कार्य का दिखावा नहीं करते।
(घ) कर्मवीर सबकी सुनकर भी केवल अपने जी की क्यों मानते हैं?
उत्तर– कर्मवीर सबकी सुनकर भी केवल अपने जी को मानते हैं क्योंकि वे किसी को नाराज भी नहीं करते और अपने बल-पौरुष से अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं।
(ड) पद्यांश हेतु उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर– कर्मवीर।
04 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
आज जीत की रात
पहरुए, सावधान रहना।
खुले देश के द्वार
अचल दीपक समान रहना
प्रथम चरण है नये स्वर्ग का
है मंजिले का छोर
इस जन-मंथन से उठ आई
पहली रतन हिलोर
अभी शेष है पूरी होना
जीवन मुक्ता डोर
क्योंकि नहीं मिट पाई दुख की
विगत साँवली कोर
ले युग की पतवार
बने अंबुधि समान रहना
पहरुए, सावधान रहना
ऊँची हुई मशाल हमारी
आगे कठिन डगर है।
शत्रु हट गया, लेकिन उसकी
छायाओं का डर है,
शोषण से मृत है समाज ,
कमज़ोर हमारा घर है।
किंतु आ रही नई जिंदगी
यह विश्वास अमर है।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कविता देश की कौन-सी सुखद घटना की ओर संकेत करती है?
(i) युद्ध में जीत
(ii) 15 अगस्त की सुखद घटना
(iii) गणतंत्र दिवस की सुखद घटना
(iv) विपत्तियों से छुटकारे की रात
उत्तर- (ii)
(ख) ‘पहरुए’ की ‘दीपक’ और ‘अंबुधि’ के समान बने रहने को क्यों कहा गया है?
(i) क्योंकि दीपक ही प्रकाश देता है और अपनी गहराई से सबको प्रेरणा देता है।
(ii) दीपक और सागर के समान परोपकारी बनने की प्रेरणा
(iii) दीपक और सागर के समान अटल बनने की प्रेरणा
(iv) दीपक और सागर की तरह महान बनने की प्रेरणा
उत्तर- (i)
(ग) शोषण से मृत है समाज कमज़ोर हमारा घर है – पंक्ति का अर्थ क्या है?
(i) देश की हालत खास्ता है।
(ii) देश की आर्थिक स्थिति दयनीय है।
(iii) देश की सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है।
(iv) देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था कमजोर है।
उत्तर- (iv)
(घ) ‘ले युग की पतवार बने अंबुधि समान रहना’ पंक्ति में अलंकार है?
(i) उत्प्रेक्षा
(ii) रूपक
(iii) उपमा
(iv) मानवीकरण
उत्तर- (iii)
05 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
ओ महमूदा मेरी दिल जिगरी
तेरे साथ मैं भी छत पर खड़ी हूँ
तुम्हारी रसोई तुम्हारी बैठक और गाय-घर में पानी घुस आया
उसमें तैर रहा है घर का सामान
तेरे बाहर के बाग का सेब का दरख्त
टूट कर पानी के साथ बह रहा है।
अगले साल इसमें पहली बार सेब लगने थे
तेरी बल खाकर जाती कश्मीरी कढ़ाई वाली चप्पल
हुसैन की पेशावरी जूती
बह रहे हैं गंदले पानी के साथ
तेरी ढलवाँ छत पर बैठा है।
घर के पिंजरे का तोता
वह फिर पिंजरे में आना चाहता है।
महमूदा मेरी बहन
इसी पानी में बह रही है तेरी लाडली गऊ
इसका बछड़ा पता नहीं कहाँ है।
तेरी गऊ के दूध भरे थन ।
अकड़ कर लोहा हो गए हैं।
जम गया है दूध
सब तरफ पानी ही पानी
पूरा शहर डल झील हो गया है।
महमूदा, मेरी महमूदा
मैं तेरे साथ खड़ी हूँ।
मुझे यकीन है छत पर जरूर
कोई पानी की बोतल गिरेगी
कोई खाने का सामान या दूध की थैली
मैं कुरबान उन बच्चों की माँओं पर
जो बाढ़ में से निकलकर ।
बच्चों की तरह पीड़ितों को
सुरक्षित स्थान पर पहुँचा रही हैं।
महमूदा हम दोनों फिर खड़े होंगे
मैं तुम्हारी कमलिनी अपनी धरती पर…
उसे चूम लेंगे अपने सूखे होठों से
पानी की इसे तबाही से फिर निकल आएगा
मेरा चाँद जैसा जम्मू
मेरा फूल जैसा कश्मीर।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) घर में पानी घुसने का कारण है
(i) नल और नाली की खराबी
(ii) बाँध का टूटना
(iii) प्राकृतिक आपदा
(iv) नदी में रुकावट
उत्तर- (iii)
(ख) महमूदा की बहन को विश्वास नहीं है
(i) छत पर पानी की बोतल गिरेगी
(ii) कुछ खाने-पीने की सहायता पहुँचेगी
(iii) कोई हैलीकॉप्टर उन्हें बचाने छत पर आएगा
(iv) इस मुसीबत से निकल जाएँगे
उत्तर- (iv)
(ग) “मेरा चाँद जैसा जम्मू
मेरा फूल जैसा कश्मीर’ का भावार्थ है
(i) जम्मू और कश्मीर में फिर से चाँद दिखने लगेगा,
(ii) जम्मू और कश्मीर का सौंदर्य वापिस लौटेगा,
(iii) जम्मू और कश्मीर स्वर्ग है,
(iv) जम्मू और कश्मीर चाँद और फूल जैसा सुंदर है,
उत्तर- (ii)
(घ) कवयित्री माताओं पर क्यों न्यौछावर होना चाहती है?
(i) दूसरों को बचाने के कार्य में जुटी हैं।।
(ii) बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा रही हैं।
(iii) स्वयं भूखी रहकर बच्चों की देखभाल करती हैं।
(iv) रसद पहुँचाने का कार्य कर रही हैं।
उत्तर- (ii)
(ङ) पूरा शहर डल झील जैसा लग रहा है, क्योंकि
(i) डल झील का फैलाव बढ़ गया है।
(ii) पूरे शहर में पानी भर गया है।
(iii) पूरे शहर में शिकारे चलने लगे हैं।
(iv) झील में नगर का प्रतिबिंब झलक रहा है।
उत्तर- (ii)
06 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
रेशम जैसी हँसती खिलती, नभ से आई एक किरण
फूल-फूल को मीठी, मीठी, खुशियाँ लाई एक किरण
पड़ी ओस की कुछ बूंदें, झिलमिल-झिलमिल पत्तों पर
उनमें जाकर दिया जलाकर, ज्यों मुसकाई एक किरण
लाल-लाल थाली-सा सूरज, उठकर आया पूरब में
फिर सोने के तारों जैसी, नभ में छाई एक किरण
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कवि ने किरण के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया है?
(i) रेशम जैसी
(ii) हँसती खिलती
(iii) सोने के तारों जैसी
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (iv)
(ख) किरण फूलों के लिए क्या खुशियाँ लेकर आई?
(i) सुंदरता
(ii) सुगंध
(iii) मीठी-मीठी खुशियाँ
(iv) विभिन्न रंग
उत्तर- (ii)
(ग) ओस की बूंदों ने पत्तों पर क्या किया?
(i) उन्हें चमका दिया
(ii) उन पर एक दिया-सा जला दिया
(iii) उन्हें नहला दिया
(iv) उन्हें चमका दिया
उत्तर- (iii)
(घ) सूरज की विशेषता है
(i) वह गोल-गोल है।
(ii) वह गोल-गोल तथा लाल-लाल है।
(iii) वह लाल-लाल थाली जैसा है।
(iv) वह लाल-लाल गेंद जैसा है।
उत्तर- (iii)
07 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
देखो प्रिये, विशाल विश्व को आँख उठाकर देखो,
अनुभव करो हृदय से यह अनुपम सुषमाकर देखो।
यह सामने अथाह प्रेम का सागर लहराता है,
कूद पड़ें, तैरूँ इसमें, ऐसा जी में आता है।
रत्नाकर गर्जन करता है मलयानिल बहता है,
हरदम यह हौसला हृदय में प्रिय! भरा रहता है।
इस विशाल, विस्तृत, महिमामय रत्नाकर के घर के,
कोने-कोने में लहरों पर बैठ फिरूँ जी भर के॥
निकल रहा है जलनिधि-तल पर दिनकर-बिंब अधूरा,
कमला के कंचन-मंदिर का मानो कांत कँगूरा।
लाने को निज पुण्यभूमि पर लक्ष्मी की असवारी,
रत्नाकर ने निर्मित कर दी स्वर्ण-सड़क अति प्यारी॥
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कवि अपनी प्रेयसी से क्या देखने का अनुरोध कर रहा है और क्यों?
उत्तर– कवि अपनी प्रेयसी से विशाल विश्व को देखने का अनुरोध कर रहा है क्योंकि वह विश्व की सुंदरता का अनुभव उसे कराना चाहता है।
(ख) समुद्र को ‘रत्नाकर’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर– समुद्र को ‘रत्नाकर’ इसलिए कहा गया है क्योंकि इसके अंदर संसार के कीमती खनिज-पदार्थ, रत्न आदि मिलते हैं।
(ग) विशाल सागर को देखने पर कवि के मन में क्या इच्छाएँ जगती हैं ?
उत्तर– विशाल सागर को देखकर कवि के मन में इसमें कूदकर तैरने की इच्छा उत्पन्न होती है।
(घ) काव्यांश के आधार पर सूर्योदय का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर– कवि कहता है कि समुद्र के तल पर सूर्य आधा निकला है जो लक्ष्मी के सोने के मंदिर का चमकता कंगूरा जैसा लगता है जैसे, लक्ष्मी की सवारी को लाने के लिए सागर ने सोने की सड़क बना दी हो।
08 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
मन-मोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है,
सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल-कंद-नाज मेवें?
सब अंग में सजे है, वह देश कौन-सा हैं?
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) मन को हर लेने वाली प्रकृति की गोद में कौन-सा देश बसा हैं?
(1) कवि का गाँव
(2) कवि का प्रदेश
(3) भारत देश
(4) कवि की जन्मभूमि
(ख) उस देश के चरणों को कौन धो रहा है?
(1) नदियां
(2) सागर
(3) कुबेर
(4) बादल।
(ग) यहाँ की नदियों के पानी को कैसा बताया गया हैं?
(1) गंगाजल के समान
(2) पवित्र
(3) जीवनदायी
(4) अमृत के समान
(घ) इस देश का आँगन किससे भरा हुआ हैं?
(1) रसीले फलों से
(2) विभिन्न प्रकार के अनाज से
(3) पौष्टिक मेवों से
(4) उपर्युक्त सभी।
(ड) ’अमृत’ शब्द का र्प्यायवाची क्या है?
(1) सुधा
(2) रत्नेश
(3) सलोना
(4) कंद
09 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
देखकर बाधा विविध, बहु विध्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग्य के दुख भोग पछताते नहीं। ।
काम कितना ही कठिन, किंतु उकताते नहीं
भीड़ में जो चंचल बने, जो वीर दिखलाते नहीं। ।
हो गए इक आने में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह काल में वे ही मिले फूले-फले। ।
काम को आरंभ करके यों नहीं, जो छोड़ते।
काम को आरंभ कर नहीं, जो भूलकर मुँह मोड़ते। ।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कर्मवीरों की दो विशेशताएँ लिखिए?
(ख) ‘निध्न’ शब्द का पर्यायवाची लिखिए।
(ग) किसी काम को आरंभ करके वीर क्या करते हैं?
(घ) ‘काम’ का तत्सम शब्द लिखिए।
(ड) पद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
(1). कर्मवीर
(2). भाग्य
(3). विध्न
10 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
तापित को स्निग्ध करे, प्यासे को चैन दे,
सूखे हुए अधरों को फिर से जो वैन दे,
ऐसा सभी पानी है।
लहरों के आने पर कोई सा फटे नहीं,
रोटी की लालच में, तोते सा रटे नहीं,
प्राणी वही प्राणी है।
बोले तो हमेशा सच, सच से हटे नहीं,
झूठ के डराए से हरगिज डरे नहीं,
सचमुच वही सच्चा है।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) सच्चा प्राणी कौन है?
(1) जो सुंदर हो
(2) जो सच्चा व साहसी हो
(3) जो रटता हो
(ख) कैसा पानी सच्चे अर्थों में पानी कहलाता है?
(1) जो रेगिस्तान में मिले
(2) जो प्यासे को राहत दे
(3) जो मीठा हो
(ग) जो झूठ से न डरे वह क्या कहलाता है?
(1) प्राणी
(2) बहादुर
(3) सच्चा
(घ) आप किसी मनुष्य में किन गुणों की अपेक्षा करते हैं?
11 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
वह वर्षा का प्रथम दिवस जब
पहली बूँद धरा पर आई।
अंकुर फूट पड़ा धरती से
नवजीवन की ले अँगड़ाई।
धरती के सूखे अधरों पर
गिरीबूँद अमृत – सी आकर।
वसुंधरा की कली – कली
मनो फूल बन कर मुस्काई।
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) बारिश की पहली बूँद धरती पर गिरते ही क्या हुआ?
(1) जमीन फूट पड़ी
(2) अंकुर फुट पड़ा
(3) आकाश मुस्काया
(ख) ‘धरती’ का पर्यायवाची शब्द क्या होगा?
(1) क्षुधा
(2) सुधा
(3) वसुधा
12 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
मैया, कबिहिं बढ़ेगी चोटी,
कितनी बार मोहि दूध पियत मई यह अजुह है छोटी
तू जो कहित बल को बेनी ज्यो तहे है लाँबी- मोटी
काढत – गुहत नहवावत जै है, नागिन सी मुई लोटी
कायो दूध पियावित पिच -पचि, देति न माखन रोटी
सुर चिरजीवौ दोउ भैया, होर- हलधर की जोटी
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कवि और कविता का नाम लिखो |
उत्तर– कवि का नाम – सूरदास | कविता का नाम – सूरदास के पद |
(ख) कौन, किससे, क्या कह रहा है ?
उत्तर– बालक कृषण अपनी माँ यशोदा से शिकायत कर रहा है मेरी यह चोटी क्यों नही बढ़ रही है
(ग) कृषण क्या खाना चाहते है ? उन्हें क्या मिलता है ?
उत्तर– बाल कृषण माखन – रोटी खाना चाहते है जबकि माता उन्हें कच्चा दूध पिलाती है
13 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
माला तो कर में फिरै, जिभि फिरै मुख माहि |
मनवा तो चँहु दिसि फिरै, यह तो सुमिरन |
कबिरा घास न निंदिए, जो पाऊँ तलि होई |
उड़ि पड़ै जब आँखि में ; खरो दुहेली होई|
उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए |
(क) कवि का नाम लिखिए |
उत्तर– कवि का नाम – कबीरदास
(ख) पहले दोहे में किस ढोंग पर चोट की गयी है ?
उत्तर– पहले दोहे में माला फेरने की ढोंग पर चोट की गई है , ईश्वर समरण के लिए माला फेरना व्यथ होता है, क्योकि मनं चारो और फिरता रहता है
(ग) दूसरे दोहे में क्या बात समझाई गयी है ?
उत्तर– दूसरे दोहे में यह बात समझाई गयी है की हमे घास तक अर्थात छोटे व्यक्ति की भी निंदा नहीं करनी चाहिए वह भी अवसर पड़ने पर हमे परेशां कर सकता है |
Students can find different types of Hindi poem for class 8 CBSE board exam preparation. At the end of every poem, we have also provided you with answers to unseen poem class 8 given above.
So, first, solve the above-unseen poem class 8 and compare your answer with their original answer in this way you can boost your performance. Now, You can easily obtain higher marks in the unseen poem class 8.
If you take too much time in solving the unseen poem class 8 take a clock to focus on how much time you are spending.
By doing this, you can easily manage your time to solve the unseen poem Class 8. You can also visit the unseen passage class 8 in Hindi.
We believe that unseen poem class 8 should reach every student who is aiming to score higher marks in the CBSE board exam. This unseen poem class 8 prepared by our expert at unseenpassage.com
Frequently Asked Questions-Unseen Poem class 8(FAQ)
Answer: In the Exam, you will be given a small part of any poem and you need to answer them to score good marks in your score. So firstly understand what question is being asked. Then, go to the passage and try to find the clue for your question. Read all the alternatives very carefully. Do not write the answer until you feel that you have selected the correct answer.
Answer: Do not try to write the answer without reading the poem Read all the alternatives very carefully, don’t write the answer until you feel that you have selected the correct answer. Check your all answers to avoid any mistakes.
Answer: Study the question before reading the poem. After that, read the poem and highlight the word which you find related to the question and a line before that word and one after that. With this strategy, you will be able to solve most questions and score higher marks in your exam.
Answer: A Seen poem is a poem which you have already read and know what is in it.While in the unseen poem, you are not familiar with the poem and don’t know what is in it.
Answer: Take a clock and set the time in which you should just complete all questions.If you can’t complete the poem in that time.don’t worry, find that part in which you take a long time to solve the question. By doing this, you can easily manage your time to solve the question of passage.